Wednesday, September 2, 2009

मतिभ्रम

एक ख़याल तन्हा कर जाता है

कुछ धुंधलका सा छा जाता है

एक धड़कन सुनाई देती है

एक चेहरा दिखाई देता है

कभी अपना सा नज़र आता है

कभी सवाल बनकर रह जाता है

एक कशमकश सी है

अपना है या सपना है कोई?!?

~~पायल~~

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