.....कुछ शब्द
जिंदगी को टटोलते हुए
कुछ एहसास
शब्दों में खोये हुए
कुछ वादे
एहसास में पिरोये हुए
कुछ सपने
उन वादों में जागते हुए ढूंढती हूँ
फिर अपनी बंद मुट्ठी को खोलकर
उन सपनों को देखती हूँ
हवाओं में घुलते हुए
…..रंग बिखेरते हुए....
हवाओं में घुलते हुए
उन सपनों को देखती हूँ
फिर अपनी बंद मुट्ठी को खोलकर
उन वादों में जागते हुए ढूंढती हूँ
कुछ सपने
एहसास में पिरोये हुए
कुछ वादे
शब्दों में खोये हुए
कुछ एहसास
जिंदगी को टटोलते हुए
कुछ शब्द.....
~~पायल~~
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