Monday, June 12, 2017

कुछ लम्हे मेरे अपने

ज़िन्दगी से कुछ लम्हे
खुद के लिये चुरा लेती हूँ
यही वो पल हैं
जब खुद को गले लगा लेती हूँ

न कोई शिकवा है
न कोई शिकायत है
बस यूँ ही हर पल सीखते सिखाते
ज़िन्दगी आगे बढ़ा लेती हूँ

कुछ करने की चाह में
थोड़ा हौंसला बंधा लेती हूँ
बन्दिशें नहीं हैं इसीलिये
बंधनों में बंधकर भी
रिश्ते निभा लेती हूँ
-पायल 6/4/2017