जि़न्दगी की रील में
कुछ लम्हे
खूबसूरत, नादान, मासूम,
ठहर जाते हैं
भूली बिसरी यादें बनकर,
सिमट जाते हैं
ये लम्हे
कभी मुस्कुराते हैं
कभी खिलखिलाते हैं
कभी आँसू बन
छलक जाते हैं
खूबसूरत एहसास जि़न्दगी के
जि़न्दगी जीना सिखाते हैं
जि़न्दगी की रील में
जब पलटकर देखते हैं
ये लम्हे एक दूजे से जुडे़ नज़र आ़ते है़ं
जीने का सलीका सिखाते हैं
जि़न्दगी की रील में
कुछ लम्हे यूँ ही गुज़र जाते हैं
-पायल
कुछ लम्हे
खूबसूरत, नादान, मासूम,
ठहर जाते हैं
भूली बिसरी यादें बनकर,
सिमट जाते हैं
ये लम्हे
कभी मुस्कुराते हैं
कभी खिलखिलाते हैं
कभी आँसू बन
छलक जाते हैं
खूबसूरत एहसास जि़न्दगी के
जि़न्दगी जीना सिखाते हैं
जि़न्दगी की रील में
जब पलटकर देखते हैं
ये लम्हे एक दूजे से जुडे़ नज़र आ़ते है़ं
जीने का सलीका सिखाते हैं
जि़न्दगी की रील में
कुछ लम्हे यूँ ही गुज़र जाते हैं
-पायल