Tuesday, October 22, 2019

कुछ लम्हे

जि़न्दगी की रील में
कुछ लम्हे
खूबसूरत, नादान, मासूम,
ठहर जाते हैं
भूली बिसरी यादें बनकर,
सिमट जाते हैं

ये लम्हे
कभी मुस्कुराते हैं
कभी खिलखिलाते हैं
कभी आँसू  बन
छलक जाते हैं
खूबसूरत एहसास जि़न्दगी के
जि़न्दगी जीना सिखाते हैं
जि़न्दगी की रील में
जब पलटकर देखते हैं
ये लम्हे एक दूजे से जुडे़ नज़र आ़ते है़ं
जीने का सलीका  सिखाते हैं
जि़न्दगी की रील में
कुछ लम्हे यूँ ही गुज़र जाते हैं
-पायल

2 comments:

  1. Ye naadan hain.. sirf behte rehte hain.... Lekin humare liye bahut kuch chod jaate hain

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  2. लम्हे तो लम्हे है हर पल
    गुज़रते जाते हैं
    सूखी रेत से फिसलते जाते हैं
    कुछ सीख लिया तो अच्छा
    नहीं सीखा तो भी अच्छा
    मुस्कराते रहो
    गुनगुनाते रहो
    लम्हो का यही फ़साना है

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