बदला हुआ मिज़ाज था मौसम का
सुबह तक बरसा था पानी
गिरे हुए पेड़, और बिछे हुए पत्ते,
गवाह हैं, उस तूफ़ान के,
जो आया और गुज़र गया।
चमकती धूप को देख,
कौन कह सकता है,
कल रात तूफ़ान आया था
कौंधती बिजली, और तीखी तेज़ बारिश
साथ लाया था।
किसी का मकान कच्चा है
किसी की बेटी की शादी
और भी न जाने क्या क्या
कितने ख़्याल आये थे उस पल
कितनी चिंताऐ घेरने लगी थी यूँ ही।
दो पल की ये चिंताऐ
और दो पल का तूफ़ान...
सब गुज़र जाता है
वक्त बदल जाता है
और कुछ आदतें भी!
-पायल
सुबह तक बरसा था पानी
गिरे हुए पेड़, और बिछे हुए पत्ते,
गवाह हैं, उस तूफ़ान के,
जो आया और गुज़र गया।
चमकती धूप को देख,
कौन कह सकता है,
कल रात तूफ़ान आया था
कौंधती बिजली, और तीखी तेज़ बारिश
साथ लाया था।
किसी का मकान कच्चा है
किसी की बेटी की शादी
और भी न जाने क्या क्या
कितने ख़्याल आये थे उस पल
कितनी चिंताऐ घेरने लगी थी यूँ ही।
दो पल की ये चिंताऐ
और दो पल का तूफ़ान...
सब गुज़र जाता है
वक्त बदल जाता है
और कुछ आदतें भी!
-पायल
तूफान जितनी जल्दी गुज़र जाऐ उतना बेहतर.. कम से कम नुकसान को समेटना तो शुरु कर सकें..
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